तोते पर सुंदर निबंध, जानकारी। Points, Information & Essay on Parrot in Hindi
Essay on Parrot in Hindi for class 1 , 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 and college students, about parrot in Hindi in points, autobiography of parrot in Hindi, about parrot in Hindi 5 points, parrot par essay. parrot information in Hindi writing, about parrot in Hindi 10 points, Indian parrot bird information in Hindi.

प्रस्तावना:
तोता एक बहुत ही सुंदर और आकर्षक पक्षी है। तोता एक ऐसा पक्षी है जो गरम देशो मे पाया जाता है। मनुष्य बोली की नकल करनेवाला तोता भारत देश मे सबसे अधिक प्रसिद्ध है। तोते के पंखो का रंग हरा होता है। और उसकी चोंच मुड़ी हुई होती है।
भारत देश मे तोते का रंग हरा होता है और दूसरे देशों मे यह नीले, पीले और लाल रंगो मे पाया जाता है। सभी पक्षियों मे सबसे अधिक तोते को ही पसंद किया जाता है। लोग शौक से अपने घर मे तोते को पालना पसंद करते है।
तोते का मुख्य निवास्थान:
आस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड (तोते सामान्यतया पेड़ों के बिल मे रहा करते है)
तोते के प्रकार:
मैकॉ, काकातुआ, बजरीका, रोज़ेला काकाटील, परबत्ता, ढ़ेलहरा, टुइयाँ, मदनगोर आदि।सामान्यतया परबत्ता, ढ़ेलहरा, टुइयाँ, मदनगोर आदि जाती के तोते भारत देश मे पाये जाते है।
तोते का वैज्ञानिक नाम सिटैसिफ़ॉर्मीस (Psittaciformes) है। तोते को अंग्रेजी मे Parrot(पैरट) और मराठी मे पोपट कहा जाता है।
अधिक पढे:
Essay on Parrot in Hindi

तोते का खाना:
तोता यह एक शाकाहारी पक्षी है। पत्ते, फल, आम, अमरूद और बीज (आम और अमरूद प्रिय फल है) कुछ तोते मांसाहारी भी होते है जो छोटे छोटे कीड़ों को खाते हैं। तोते की एक विशेषता है, वे अपना खाना पैरों से आसानी से पकड़ सकते है और फिर अपनी चोंच से खाते है।
अधिक विशेषताएं :
तोते अपनी झुंड मे रहते है और बहुत तेज उड़ते है। किसी भी रंग के तोते हमेशा सफ़ेद रंग के अंडे देते है। तोता एक बुद्धिमान पक्षी माना जाता है। तोते मनुष्य द्वारा सिखाए जाने पर मनुष्यों की बोली की नकल बखूबी कर लेते है, इसी विशेषता के कारण तोते को सभी पक्षियों से अधिक महत्व दिया जाता है।
कुछ लोग अपने शौक के लिए तोते को पिंजरे मे कैद करते है, जो अमानवीय है। भारत देश मे यह पक्षी इतना प्रसिद्ध है की इस तोते के नाम से कई सारे बॉलीवुड के गाने भी बनाए गए है, उदा. तोता मैना की कहानी, मै तेरा तोता तू मेरी मैना आदि।
निष्कर्ष:
मोबाइल फोन और विद्युत टावरों से निकलने वाले विद्युत चुम्बकीय विकिरण और बढ़ते हुए पल्स्टिक के उपयोग के कारण पक्षी मर रहे है, इसमे तोते पक्षी भी शामिल है। हमे ऐसी चीजों का कम उपयोग करना होगा जिससे पक्षियों की जान बचाए जाए।